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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

फ़रवरी 16, 2021

Aage safar tha pichhe humsafar tha #आगे सफ़र था पिछे हमसफ़र था मंज़िल की हसरत थी उनसे भी मोहब्बत थी ये दिल तू ही बता उस वक़्त मैं कहां जाता !!! मुकदर का सफर भी था और वर्षो का हमसफ़र भी था रुकते तो बिछड़ जाते और चलते तो बिखर जाते यूँ समझ लो प्यास लगी थी। गजब की मगर पानी मे ज़हर था !!! पीते तो मर जाते न पीते तो भी मर जाते !!! बस यही दो मसले ज़िन्दगी भर ना हल हुए ना नींद पूरी हुई न ख्वाब मुकम्बल हुए बचपन ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर हुनर सड़को पर तमाशा करता है और किस्मत महलो में राज करती है शिकायते तो बहुत है तुझसे ये ज़िन्दगी पर चुप इसलिए हूँ जो दिया तूने वो भी बहुतो को नशीब नही होता अजीब सौदागर है ये वक़्त भी जवानी को लालच देकर बचपन ले गया अब अमीरी की लालच देकर जवानी ले जाएगा लौट आया हूँ घर की तरफ हर रोज की तरह थका हारा आज तक ये समझ मे नही आया जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ बचपन मे सबसे अधिक बार पूछा गया बडे होकर क्या बनना है जबाब अब मिला है फिर से बच्चा बनना है थक गया हूँ तेरी नौकरी से ये ज़िन्दगी मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे दोस्तो से बिछड़कर हकीकत खुली बेसक कमिने थे पर वो रौंनक उनही से थी भरी जेब ने दुनिया को पहचान करवाई और खाली जेब अपनो की जब लगे पैसा कमाने तब साझ में आया शौक तो मै बाप के पैसे से पूरा होते थे अपने पैसे से तो सिर्फ जरूरत पूरी होती है हँसने का इच्छा न था तो भी हँसना पड़ता है कोई जब पूछे कैसे हो मजे में हूँ कहना पड़ता है ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तो यहाँ नाटक करना माचिस की जरूरत नही पड़ती यहाँ आदमी आदमी से जलता है दुनिया सबसे बड़ा साइंटिस्ट ढूंढ रहे हैं मंगल ग्रह पर जीवन है या नही पर आदमी ये नही ढूंढ पा रहे है ज़िन्दगी में मंगल है या नही मंदिर में फूल चढ़ाकर आये तो एहसास हुआ की पत्थरो को मनाने में फूलो को कत्ल कर आये हम गए थे गुनाह की माफी मांगने एक और गुनाह कर आये हम अच्छा लगा होगा तो लाइक कर दीजियेगा हिचकिचाइए नही ये इसमे हमे अच्छा लगता है चाहते है कोई और भी आपका मन की बात समझे कसम से वेटशॉप पर शेयर कर दीजियेगा और चाहिए इस तरह का वीडियो तो चेनल को सब्सक्राइब करके वेलाइकॉन दवा के रखियेगा वीडियो देखने के लिए धन्यवाद